नमस्ते - नमस्ते, नमस्कार - नमस्कार, प्रणाम - शुभाशीर्वाद, और राम- राम - जय रामजी की का कोई विकल्प नहीं है।
नमस्ते ऐसा अभिवादन है जो छोटे बड़ों के लिए नमन, बराबर वालों के लिए परस्पर अभिवादन और छोटों के लिए बड़ों को दिया गया उत्तर तीनों स्थानों पर वैदिक शास्त्रों में उपयोग किया गया है।
प्रमाण हेतु महर्षि दयानन्द सरस्वती कृत सत्यार्थ प्रकाश पढ़ियेगा। सभी आर्यसमाजी केवल नमस्ते का ही प्रयोग करते हैं।
आपने भी शालेय शिक्षण के समय अपने अध्यापकों को नमस्ते ही बोला होगा।
प्रातः उठकर और रात में सोनें के पहले संस्कारित बच्चे और युवा; बड़ों के चरण स्पर्श कर प्रणाम बोलते हैं। बड़े शुभाशीर्वाद या शुभाशीष कहकर उत्तर देते हैं।
आगन्तुक हाथ जोड़कर नमस्कार करते हैं तो आप भी उसके उत्तर में हाथ जोड़कर नमस्कार बोलते हैं।
ग्रामीण परस्पर अभी भी हाथ जोड़कर राम-राम बोलकर ही परस्पर अभिवादन करते हैं। सामने वाला भी हाथ जोड़कर राम-राम बोलकर या जय श्रीराम बोल कर उत्तर देता है।
फोन पर हेलो शुरु हुआ, और कान्वेंट स्कुल और अंग्रेजी माध्यम शालाओं ने गुड मॉर्निंग सिखाया।
मोबाइल मैसेजिंग और विशेषकर व्हाट्सएप नें अकारण गुड मार्निंग और सु प्रभात प्रारम्भ करवा दिया।
हमारे यहाँ प्रातः काल शुभ ही माना जाता है, कोई आतंक नही था, अतः गुड मॉर्निंग/ सुप्रभात और गुडनाईट/ शुभरात्रि का चलन कभी रहा ही नही।
जो स्वाभाविक रूप से चल रहा था, उसे ही ही चलने देना ही उचित होगा।
ॐ वेदमन्त्र है। इसलिए ॐ का उच्चारण करते समय भी ध्यान रखना चाहिए कि, स्नान किये हुए, शुद्ध- पवित्र अवस्था में, स्वस्थ चित्त से, तीन सेकण्ड ओ तो एक सेकण्ड म् और म् को भी म्....... लम्बित स्वर में ही उच्चारण अर्थात उच्चारण में समय तीन अनुपात एक के नियम का पालन किया जाना चाहिए।
इस लिए ॐ और हरिॐ के विकल्प उचित नही है।
ॐ का उच्चारण नियमानुसार मर्यादा में ही किया जाना चाहिए। जैसे राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान को चाहे जब, चाहे जहाँ, और हर स्थिति में नहीं गाया जाना चाहिए ठीक वैसे ही नियम वेद मन्त्रों के लिए है।
जय श्री राम भी इसलिए उचित नही है क्योंकि, परम्परा यह है कि, राम- राम का उत्तर राम- राम या जय राम जी की बोल कर दिया जाता है। अतः नवीन प्रयोगों के बजाय परम्परा पालन ही उचित है।
सुसंस्कृत नगरीय व्यक्ति हेलो के स्थान पर नमस्ते से ही फोन वार्ता और ई-मेल, प्रारम्भ कर नमस्ते से ही समाप्त करते हैं।
किसी ग्रामीण को फोन लगाएंगे तो वह सहज रूप से हेलो का उत्तर राम-राम बोलकर ही देगा। और स्वयम् फोन लगाएगा तो भी राम-राम ही बोलेगा।
अर्थात भारत में हेलो का भी परम्परागत विकल्प पहले से उपलब्ध है। उसके लिए किसी आई. टी. सेल को ए.सी. चेम्बर में बैठकर खोज करने की आवश्यकता नहीं है।
ये ए.सी.चेम्बर में बैठकर योजनाएं बनाने वाले नेता और अधिकारी तथा मीडियाकर्मी ही ऐसे बे सिर पैर के सुझाव देते रहते हैं कि, गुड मॉर्निंग की जगह जय श्रीराम, गुड नाईट की जगह सीताराम, ओके की जगह ओम का इस्तेमाल करें। तथा फोन पर हेलो के स्थान पर हरि ॐ बोलें।
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