कामकोटि पीठके ३८वें आचार्य चिदम्बरम वासी श्री विश्वजी के पुत्र आचार्य श्री अभिनवशंकर जी ७८७ ईस्वी से ८४० ईस्वी तक ५३ वर्ष विद्यमान रहे। वे ३० वर्ष तक जगन्नाथ पुरी के गोवर्धन मठ के शंकराचार्य के पद पर रहे।इन्होंने कश्मीर के वाक्पतिभट्ट को शास्त्रार्थ में पराजित किया था।
वर्तमान इतिहासकार इन्हीं शंकराचार्य अभिनवशंकर जी को आद्य शंकराचार्य बतलाते हैं और उनका काल ७८८ - ८२० ई. का बताते हैं।
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