सोमवार, 8 जनवरी 2024

करण का अर्थ।

तिथि के अर्धभाग को करण कहते हैं। करण निम्नानुसार होते हैं।
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पूर्वार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी उत्तरार्ध में शकुनि करण।
कृष्ण पक्ष अमावस्या पूर्वार्ध में चतुष्पाद करण।
कृष्ण पक्ष अमावस्या उत्तरार्ध में नाग करण।
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पूर्वार्ध में किंस्तुघ्न करण।
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा उत्तरार्ध में बव करण।
शुक्ल पक्ष द्वितीया पूर्वार्ध में बालव करण।
शुक्ल पक्ष द्वितीया उत्तरार्ध में कौलव करण।
शुक्ल पक्ष तृतीया पूर्वार्ध में तैतिल करण।
शुक्ल पक्ष तृतीया उत्तरार्ध में गर करण। 
शुक्ल पक्ष चतुर्थी पूर्वार्ध में वणिज करण।
शुक्ल पक्ष चतुर्थी उत्तरार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
शुक्ल पक्ष पञ्चमी पूर्वार्ध में बव करण।
शुक्ल पक्ष पञ्चमी उत्तरार्ध में बालव करण।
शुक्ल पक्ष षष्ठी पूर्वार्ध में कौलव करण।
शुक्ल पक्ष षष्ठी उत्तरार्ध में तैतिल करण।
शुक्ल पक्ष सप्तमी पूर्वार्ध में गर करण।
शुक्ल पक्ष सप्तमी उत्तरार्ध में वणिज करण।
शुक्ल पक्ष अष्टमी पूर्वार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
शुक्ल पक्ष अष्टमी उत्तरार्ध में बव करण।
शुक्ल पक्ष नवमी पूर्वार्ध में बालव करण।
शुक्ल पक्ष नवमी उत्तरार्ध में कौलव करण।
शुक्ल पक्ष दशमी पूर्वार्ध में तैतिल करण।
शुक्ल पक्ष दशमी उत्तरार्ध में गर करण।
शुक्ल पक्ष एकादशी पूर्वार्ध में वणिज करण।
शुक्ल पक्ष एकादशी उत्तरार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
शुक्ल पक्ष द्वादशी पूर्वार्ध में बव करण।
शुक्ल पक्ष द्वादशी उत्तरार्ध में बालव करण।
शुक्ल पक्ष त्रयोदशी पूर्वार्ध में कौलव करण।
शुक्ल पक्ष त्रयोदशी उत्तरार्ध में तैतिल करण।
शुक्ल पक्ष चतुर्दशी पूर्वार्ध में गर करण।
शुक्ल पक्ष चतुर्दशी उत्तरार्ध में वणिज करण।
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पूर्वार्ध में विष्टि (भद्रा) करण 
शुक्ल पक्ष पूर्णिमा उत्तरार्ध में बव करण।
कृष्ण पक्ष प्रतिपदा पूर्वार्ध में बालव करण।
कृष्ण पक्ष प्रतिपदा उत्तरार्ध में कौलव करण।
कृष्ण पक्ष द्वितीया पूर्वार्ध में तैतिल करण।
कृष्ण पक्ष द्वितीया उत्तरार्ध में गर करण।
कृष्ण पक्ष तृतीया पूर्वार्ध में वणिज करण।
कृष्ण पक्ष तृतीया उत्तरार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
कृष्ण पक्ष चतुर्थी पूर्वार्ध में बव करण।
कृष्ण पक्ष चतुर्थी उत्तरार्ध में बालव करण।
कृष्ण पक्ष पञ्चमी पूर्वार्ध में कौलव करण।
कृष्ण पक्ष पञ्चमी उत्तरार्ध में तैतिल करण।
कृष्ण पक्ष षष्ठी पूर्वार्ध में गर करण।
कृष्ण पक्ष षष्ठी उत्तरार्ध में वणिज करण।
कृष्ण पक्ष सप्तमी पूर्वार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
कृष्ण पक्ष सप्तमी उत्तरार्ध में बव करण।
कृष्ण पक्ष अष्टमी पूर्वार्ध में बालव करण।
कृष्ण पक्ष अष्टमी उत्तरार्ध में कौलव करण।
कृष्ण पक्ष नवमी पूर्वार्ध में तैतिल करण।
कृष्ण पक्ष नवमी उत्तरार्ध में गर करण।
कृष्ण पक्ष दशमी पूर्वार्ध में वणिज करण।
कृष्ण पक्ष दशमी उत्तरार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
कृष्ण पक्ष एकादशी पूर्वार्ध में बव करण।
कृष्ण पक्ष एकादशी उत्तरार्ध में बालव करण।
कृष्ण पक्ष द्वादशी पूर्वार्ध में कौलव करण।
कृष्ण पक्ष द्वादशी उत्तरार्ध में तैतिल करण।
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी पूर्वार्ध में गर करण।
कृष्ण पक्ष त्रयोदशी उत्तरार्ध में वणिज करण।
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पूर्वार्ध में विष्टि (भद्रा) करण।
कृष्ण पक्ष चतुर्दशी उत्तरार्ध में शकुनि करण।
कृष्ण पक्ष अमावस्या पूर्वार्ध में चतुष्पाद करण।
कृष्ण पक्ष अमावस्या उत्तरार्ध में नाग करण।
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा पूर्वार्ध में किंस्तुघ्न करण।
शुक्ल पक्ष प्रतिपदा उत्तरार्ध में बव करण।

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