सोमवार, 8 जनवरी 2024

तिथियों का अर्थ।

तिथि
प्रत्येक तिथि औसत 23 घण्टे 37 मिनट 28.09 सेकण्ड की होती है जो कम से कम 19 घण्टे 59 मिनट से लेकर अधिकतम 26 घण्टे 47 मिनट तक की हो सकती है । अर्थात सप्त वृद्धि दश क्षय का सिद्धान्त ही सही है (अर्थात कोई भी तिथि सात घड़ी तक बढ़ सकती है और दस घड़ी तक घट सकती है यह सिद्धान्त ही सही है), न कि, बाण वृद्धि रस क्षय (पाँच घटि वृद्धि और छः घटि क्षय होने) का सिद्धान्त। उल्लेखनीय है कि किसी भी पञ्चाङ्ग शोधन समिति में कोई भी विद्वान बाण वृद्धि रस क्षय का का प्रमाण नही दे पाया। फिर भी इसी को आधार बनाकर उज्जैन के महाकाल पञ्चाङ्ग और जबलपुरी लालाओं के केलेण्डर पञ्चाङ्ग धड़ल्ले से बिक रहे हैं।

एक तिथि मतलब सूर्य और चन्द्रमा में 12° का अन्तर। तदनुसार
कृष्ण पक्ष की अमावस्या का अर्थ है सूर्य से 348 से 360° (या 000°) तक चन्द्रमा आगे होना।ऐसे ही

शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा का अर्थ है; सूर्य से चन्द्रमा 00°00' से 12°00' का आगे होना। 
शुक्ल पक्ष की द्वितीया का अर्थ है सूर्य से 12° से 24° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की तृतीया का अर्थ है सूर्य से 24° से 36° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का अर्थ है सूर्य से 36° से 48° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की पञ्चमी का अर्थ है सूर्य से 48° से 60° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की षष्ठी का अर्थ है सूर्य से 60° से 72° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की सप्तमी का अर्थ है सूर्य से 72° से 84° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की अष्टमी का अर्थ है सूर्य से 84° से 96° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की नवमी का अर्थ है सूर्य से 96° से 108° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की दशमी का अर्थ है सूर्य से 108° से 120° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की एकादशी का अर्थ है सूर्य से 120° से 132° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की द्वादशी का अर्थ है सूर्य से 132° से 144° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का अर्थ है सूर्य से 144° से 156° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी का अर्थ है सूर्य से 156° से 168° तक चन्द्रमा आगे होना।
शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा का अर्थ है सूर्य से 168° से 180° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा का अर्थ है सूर्य से 180° से 192° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की द्वितीया का अर्थ है सूर्य से 192° से 204° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की तृतीया का अर्थ है सूर्य से 204° से 216° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का अर्थ है सूर्य से 216° से 228° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की पञ्चमी का अर्थ है सूर्य से 228° से 240° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की षष्ठी का अर्थ है सूर्य से 240° से 252° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की सप्तमी का अर्थ है सूर्य से 252° से 264° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की अष्टमी का अर्थ है सूर्य से 264° से 276° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की नवमी का अर्थ है सूर्य से 276° से 288° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की दशमी का अर्थ है सूर्य से 288° से 300° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की एकादशी का अर्थ है सूर्य से 300° से 312° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की द्वादशी का अर्थ है सूर्य से 312° से 324° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी का अर्थ है सूर्य से 324° से 336° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का अर्थ है सूर्य से 336° से 348° तक चन्द्रमा आगे होना।
कृष्ण पक्ष की अमावस्या का अर्थ है सूर्य से 348 से 360° तक चन्द्रमा आगे होना।
यह अन्तर कलकत्ता, दिल्ली, या उज्जैन स्थित भारत शासन की वैधशाला में जाकर वैध लेकर देखे जा सकते हैं। इसलिए तिथि निर्धारण कोई विवाद का विषय नहीं है।
फिर भी भारत में भारत शासन की पञ्चाङ्गों, बङ्गाल शासन की पञ्चाङ्ग, उज्जैन वैधशाला की पञ्चाङ्ग, लाहिरी की इण्डियन इफेमेरीज के अलावा केतकी ज्योतिर्गणितम, केतकी ग्रह गणितम् और केतकी वैजयन्ती ग्रन्थों पर आधारित पञ्चाङ्गों में ही सही तिथियाँ मिलती है।
लेकिन लोग गलत पञ्चाङ्ग केलेण्डर खरीदकर अपने व्रत-पर्व-उत्सव और त्योहार गलत तिथियों में मनाते हैं, तो बढ़ा आश्चर्य मिश्रित दुःख होता है।

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