गुरुवार, 12 जून 2025

शिक्षा

मेकाले शिक्षा प्रणाली बहुत गलत है। जो सबको क्लास रूम में एक जैसा भाषण पिलाया जाता है।
होना यह चाहिए कि, बच्चों को खेतो में, बगीचों में, लघु उद्योगों में, बड़े उद्योगों में, खदानों में,  ट्रेफिक में, वन में सब जगह ले जाओ।
वहाँ बच्चे को जो जिज्ञासा हो उनका उत्तर तत्काल दे सके ऐसे जानकर साथ रखो।
फिर उसकी रूचि अनुसार विषय के पाठ पढ़ाओ, उसी के अन्तर्गत बच्चे को मात्रभाषा, संस्कृत, अंग्रेजी और गणित, हिन्दी आदि भाषाओं का ज्ञान करवाओ। चित्रकला, मूर्ति कला, गायन, वादन और नृत्य नाट्य सिखाओ।
भुगोल, खगोल, धर्म-नीति और शरीर रचना और मनोविज्ञान सिखाओ।
जब बच्चे की मूलभूत जिज्ञासाएँ शान्त हो जाएगी तब उसकी रूचि के विषयों को सिखाया जाए।
ध्यान रखें सिखाना है। पढ़ाना नहीं है।
इसी बीच उसकी उत्पादकता विकसित करो, ताकि वह कुछ उत्पादन करने लगे, उससे उसका खर्च निकले।

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