धर्म सिन्धु एवम् निर्णय सिन्धु के अनुसार रक्षाबन्धन अपराह्न व्यापी श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को की जाती है। यदि पूर्णिमा उदिया तिथि अपराह्न व्यापी न मिले तो शाकल्यपादिता पूर्णिमा तिथि अर्थात पूर्णिमा तिथि कम से कम त्रि मुहूर्ता अर्थात सूर्योदय पश्चात छः घटि (02 घणटे 24 मिनट ) तक पूर्णिमा रहे तभी उदिया पूर्णिमा तिथि में रक्षाबन्धन करें। अन्यथा पूर्व दिवस चतुर्दशी युक्त पूर्णिमा में भद्रा व्यतीत होने के बाद ही रक्षा बन्धन करें। चाहे रात्रि हो जाए, तो भी देवताओं को रक्षासूत्र अर्पित कर, फिर श्रवण को रक्षासूत्र अर्पित करने के बाद राजा और अपने भाई को रक्षासूत्र (राखी) बान्धे।
लेकिन नन्दा तिथि अर्थात प्रतिपदा, षष्ठी और एकादशी तिथि में रक्षाबन्धन नही करें।
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