बुधवार, 28 अगस्त 2024

भगवान प्रभविष्णु (सवितृ) का एक नाम सुनील भी है।

कभी जगन्नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ जी के मन्दिर के पीछे वाले हिस्से में जाएँगे तो वहाँ *नील माधव (भगवान विष्णु) की नीलवर्ण पाषाण प्रतिमा है।
 *वह जगन्नाथ तीर्थ का मुख्य भाग या कहें मूल भाग है।
विष्णु सहस्त्रनाम में भी एक श्लोक में आता है -- 
*भूता वासो वासुदेव सर्वा सुनील्यो नलः*
 लेकिन लोगों को इसका हिंदी अर्थ नहीं मिलता है।

श्री लक्ष्मी को मा कहते हैं और धव मतलब पति। मा लक्ष्मी के पति माधव कहलाते हैं।
सुनील अर्थात अच्छे सुन्दर नील वर्णी मा (लक्ष्मी का नाम) के धव अर्थात पति यानि भगवान प्रभविष्णु हैं।
संस्कृत में नील शब्द कृष्ण (काले) का पर्यायवाची शब्द है। जैसे चोंट लगने पर त्वचा में जो काला धब्बा बन जाता है उसे नील पड़ना कहते हैं।
मतलब डार्क इण्डिगो कलर / गहरा नील वर्ण लगभग काला दिखता है। सुनील शब्द घनश्याम शब्द से मिलता जुलता समानार्थी शब्द है
कुछ काले चमकीले चेहरे वालों के चेहरे पर नीलाभ दृष्टिगोचर होता है।
भगवान विष्णु का नाम सुनील है यह ज्ञान नगण्य सुनील नामधारी लोगों को है।

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