उत्तर चरित्र दुर्गा सप्तशती पञ्चमोनध्याय ५ से त्रयोदशोऽध्याय तक में उमा पार्वती के कौशिकी स्वरूप में महासरस्वती अवतार धारण वर्णन के अन्तर्गत नौदुर्गाओं का उल्लेख।
पार्वती ५/८५ ।
पार्वती का ही नया नाम/ रूप हिमालय में विचरण करने वाली कालिका है। ५/८८।)
० कौशिकी ५/ ८७ ।
(जिन्हें सर्वप्रथम चण्डमुण्ड ने देखा था।५/८९)
(कौशिकी को चण्डी कहा है ८/२२।)
कौशिकी को ही कात्यायनी भी कहा है।८/२९
तथा कौशिकी की नौदुर्गाओं का वर्णन जिननें शुम्भ निशुम्भ युद्ध में कौशिकी की सहायता की।
१ काली ७/६
(तथा ७/१६ एवम् ७/२३।)
(काली का ही नाम चामुण्डा भी ७/२७)
२ ब्राह्मी ८/१५।
३माहेश्वरी८/१६।
४ कौमारी ८/१७।
५ वैष्णवी८/१८।
६ वाराही ८/१९।
७ नारसिंही८/२०।
८ ऐन्द्री ८/२१।
९ चण्डिका शक्ति ८/२३
(चण्डिका शक्ति को ही शिवदुती भी कहा है ८/२८।)
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