उन्होंने दिन के समय में बड़े पाण्डालों में भागवत कथा सुनाना शुरू किया था, जो एक नए युग की शुरुआत थी। जब उनकी कथा का आयोजन इन्दौर में दशहरा मैदान में हुआ था, जिसमें धार, देवास, उज्जैन और निमाड़ तक से लोग कथा सुनने आये थे।
यह एक ऐतिहासिक घटना थी, जिसने भागवत पुराण कथा को एक नए स्तर पर पहुंचाया था। स्व श्री सन्त रामचंद्र केशव जी डोंगरे महाराज की कथा का प्रभाव आज भी लोगों के जीवन में देखा जा सकता है।
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