लग्न से वैद्य (डॉक्टर)
चतुर्थ भाव से औषधी
पञ्चम भाव से रोग
दशम भाव से रोगी
लग्न एवम् दशम में सुसम्बन्ध हो, मैत्री हो तो वैद्य (डॉक्टर ) से लाभ होगा।
सप्तम और चतुर्थ भाव बलवान एवम् परस्पर मित्र हो तो औषधी से लाभ होगा।
विपरित स्थिति में हानी होगी। रोग बढ़ेगा।
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