बुधवार, 6 मार्च 2024

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को संवत्सर का प्रथम दिन मानना मतलब निरयन गणना स्वीकारना है।

चैत्र को प्रथम मास और संवत्सर का प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मानना मतलब चित्रा तारे को भचक्र के १८०° पर मानना। और चित्रा तारे को भचक्र के १८०° पर मानना मतलब निरयन गणना को स्वीकारना।
क्योंकि निरयन गणना का आधार ही वैदिक संहिताओं में चित्रा तारे को भचक्र के १८०° पर अर्थात मध्य में होने का वचन है।

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