बुधवार, 27 मार्च 2024

मकर डॉल्फिन जैसा कोई मत्स्य होगा मगर नही।

वाहन के रूप में अश्व और वृषभ वाहन सर्वाधिक लोकप्रिय हैं क्योंकि वे हिन्सक नहीं है।
वाहन के रूप में हाथी सर्वप्रिय रहा। क्योंकि वह हिन्सक कभी-कभार ही होता है।अर्थात शास्त्रों में वाहन के रूप में कम हिन्सक प्राणी को ही दर्शाया गया है।
(सुचना --- हस्ती चर्म को वस्त्र के रूप में केवल शंकर जी ही धारण करते हैं।)
 
अफ्रीकी मादा सिंह अधिक हिन्सक होती है। गिर के सिंहों के कुनबे के बीच से गुजरती लोग आराम से निकल जाते हैं। पशुओं तक को ले जाते हैं।
मादा सिंह शिकारी होती है, नर सिंह केवल अपने परिवार की रक्षार्थ ही युद्ध करता है। अन्यथा आलसी जैसा पड़ा रहता है। मादा सिंहों द्वारा किए गए शिकार से ही उदर पूर्ति करता है।
जबकि व्याघ्र में नर- मादा दोनों ही शिकारी होते हैं।
इसलिए शास्त्रों में व्याघ्र वाहन की तुलना में सिंह वाहन अधिक लोकप्रिय हुआ। जबकि, बाघम्बर वस्त्र और आसन के रूप में ही प्रचलित हुई।
मतलब जीवित सिंह स्वयम् वाहन के रूप में लोकप्रिय है जबकि, मृतक व्याघ्र का चर्म ही लोकप्रिय हुए।
 
डायनासोर का वंशज छिपकली जैसा दिखने वाला घड़ियाल जाति का ताँत वाला और बिना ताँत वाला मगर मूलतः शुद्ध जलचर नहीं है। यानी मत्स्य नहीं है।
मकर राशि में दर्शाया गया मकर घड़ियाल वंशीय छिपकली जैसे रूप वाले मगर से भिन्न है ।

गङ्गा और नर्मदा का वाहन मकर कहा गया है। वह भी घड़ियाल वंशीय मगर से भिन्न ही होना चाहिए।
मगर जलचर और स्थलचर दोनों है, अर्थात उभयचर है। जबकि शास्त्रों में मकर को झष यानी मत्स्य कहा गया है। जो केवल जलचर ही होता है।
शास्त्रों में मकर के प्रति जो श्रद्धा भाव है, वह लोगों में मगर के प्रति नहीं है।
मगर का गुणसाम्य घड़ियाल से है। मकर से नही।जबकि
मगर में केवल नाम साम्य है, गुण साम्य नहीं।
 
मैरा अनुमान है कि, मकर डॉल्फिन के समान कोई लोकप्रिय जलचर था। या गङ्गा डॉल्फिन जैसा किसी प्रजाति का डॉल्फिन ही हो सकता है।
 

(सुचना --- मेष (मेंढ़ा) भी भेड़ से भिन्न दिखता है। मेढ़ा यानी मेष वर्तमान में भारत में नहीं मिलता। अरब प्रायद्वीप में मिलता है। मुसलमान उसे दुम्बा या दूम्बा कहते हैं।)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें