ग्रह शान्ति प्रयोग और बलिदान घर में ही की जाना उचित है।
पूतना, शीतला,मोतीझरा,काला ज्वर,नाग,विनायक,भैरव, काली, वीरभद्र आदि ग्रह हैं। इनकी शान्ति भी घर में ही करना उचित है।
बुध, शुक्र, मंगल, ब्रहस्पति, शनि को पञ्च तारा कहते हैं। ग्रह नही। ग्रह शान्ति प्रयोग यानी ग्रसने वालों की शान्ति न कि, केवल प्लेनेट्स की शान्ति होता है।
तिर्थ यात्रा में भी विशेष शान्ति और बलिदान कर सकते हैं। पर मुख्य रुप से घर में ही करना चाहिए।
नाग बलि, गौ बलि, नर बलि,श्वान बलि, पिप्पलिका बलि, क्षेत्रपाल बलि का मतलब इन जीवों के निमित्त दान करना,इनको भोजनादि खाद्य पदार्थ अर्पित करना इनकी सेवा, परिचर्या करना होता है; न कि, इनकी हत्या करना। ये कर्म बलिवैश्वदेव के अङ्ग हैं अतः भोजन के पहले घर पर ही करेंं।
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