एक भारतीय के विचार
सोमवार, 27 मार्च 2023
पञ्च महायज्ञों की उपयोगिता वेदज्ञान
यदि पञ्चयज्ञ सेवन के बिना केवल समाधी और तप से ही ज्ञान होता तो सबको एक ही ज्ञान होता।
न कोई बौद्ध होते न जैन, न कबीर पन्थ - नानक पन्थ और न ही लाओत्से का ताओ होता, न कुङ्गफु का कन्फ्यूजन कन्फ्युशियस पन्थ होता, न इब्राहिमी पन्थ। सब वैदिक ही होते।
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