*ईरान*
*सन् 1935 में रज़ाशाह पहलवी के नवीनीकरण कार्यक्रमों के तहत देश का नाम बदलकर फ़ारस से ईरान कर दिया गया था।*
"ईरान का प्राचीन नाम फ़ारस था। इस नाम की उत्पत्ति के पीछे इसके साम्राज्य का इतिहास शामिल है। बाबिल के समय (4000-700 ईसा पूर्व) तक पार्स प्रान्त इन साम्राज्यों के अधीन था। जब 550 ईस्वी में कुरोश ने पार्स की सत्ता स्थापित की तो उसके बाद मिस्र से लेकर आधुनिक अफ़गानिस्तान तक और बुखारा से फ़ारस की खाड़ी तक ये साम्राज्य फैल गया। इस साम्राज्य के तहत मिस्री, अरब, यूनानी, आर्य (ईरान), यहूदी तथा अन्य कई नस्ल के लोग थे। अगर सबों ने नहीं तो कम से कम यूनानियों ने इन्हें, इनकी राजधानी पार्स के नाम पर, पारसी कहना आरम्भ किया। इसी के नाम पर इसे पारसी साम्राज्य कहा जाने लगा। यहाँ का समुदाय प्राचीन काल में हिन्दुओ की तरह सूर्य पूजक था। यहाँ हवन भी हुआ करते थे लेकिन सातवीं सदी में जब इस्लाम धर्म आया तो अरबों का प्रभुत्व ईरानी क्षेत्र पर हो गया। अरबों की वर्णमाला में (प) उच्चारण नहीं होता है। उन्होंने इसे पारस के बदले फ़ारस कहना चालू किया और भाषा पारसी के बदले फ़ारसी बन गई। यह नाम फ़ारसी भाषा के बोलने वालों के लिए प्रयोग किया जाता था।
ईरान (या एरान) शब्द आर्य मूल के लोगों के लिए प्रयुक्त शब्द एर्यनम से आया है, जिसका अर्थ है आर्यों की भूमि। हख़ामनी शासकों के समय भी आर्यम तथा एइरयम शब्दों का प्रयोग हुआ है। ईरानी स्रोतों में यह शब्द सबसे पहले अवेस्ता में मिलता है। अवेस्ता ईरान में आर्यों के आगमन (दूसरी सदी ईसापूर्व) के बाद लिखा गया ग्रंथ माना जाता है। इसमें आर्यों तथा अनार्यों के लिए कई छन्द लिखे हैं और इसकी पंक्तियाँ ऋग्वेद से मेल खाती है। लगभग इसी समय भारत में भी आर्यों का आगमन हुआ था। पहलवी शासकों ने एरान तथा आर्यन दोनों शब्दों का प्रयोग किया है। बाहरी दुनिया के लिए 1935 तक नाम फ़ारस था। सन् 1935 में रज़ाशाह पहलवी के नवीनीकरण कार्यक्रमों के तहत देश का नाम बदलकर फ़ारस से ईरान कर दिया गया था।"
*मेसोपोटामिया का विभाजन*
*इराक*
1917 में ब्रिटेन ने बगदाद को सीज कर दिया था और 1921 में ब्रिटेन ने मेसोपोटामिया में सरकार का गठन किया और क्षेत्र का नाम इराक रख दिया। 1921 में मक्का के शरीफ हुसैन बिन अली के बेटे फैसल को इराक का पहला राजा घोषित किया गया। इसके बाद *1932 में हिंसक झड़पों के एक लंबे इतिहास के बाद इराक स्वतंत्र देश बना।*
*सीरिया*
"14 मई, 1930 को फ्रांसीसी उच्चायुक्त ने सीरियाई राज्य के लिए एक संविधान लागू किया। *22 मई, 1930 को सीरिया राज्य को सीरिया गणराज्य घोषित किया गया* और फ्रांसीसी उच्चायुक्त द्वारा एक नया सीरियाई संविधान लागू किया गया।
सीरिया और फ्रांस ने सितंबर 1936 में स्वतंत्रता की संधि पर बातचीत की । फ्रांस ने सिद्धांत रूप से सीरिया की स्वतंत्रता पर सहमति व्यक्त की, हालांकि फ्रांसीसी सैन्य और आर्थिक प्रभुत्व बनाए रखा।"
ब्रिटिश और सीरियाई राष्ट्रवादी समूहों के निरंतर दबाव के कारण अप्रैल 1946 में फ्रांसीसी अपने अंतिम सैनिकों को निकालने के लिए मजबूर हो गए, जिससे देश एक गणतंत्र सरकार के हाथों में चला गया, जो जनादेश के दौरान बनाई गई थी।
सीरियाई गणराज्य (1946-63) , संयुक्त अरब गणराज्य , और 1963 सीरियाई तख्तापलट
*सीरिया 17 अप्रैल 1946 को स्वतंत्र हुआ।* स्वतंत्रता से लेकर 1960 के दशक के अंत तक सीरिया की राजनीति उथल-पुथल से भरी रही। 1946 और 1956 के बीच, सीरिया में 20 अलग-अलग कैबिनेट थे और चार अलग-अलग संविधानों का मसौदा तैयार किया गया था।
*टर्की अर्थात तुर्किये*
*"23 अक्टूबर, 1923 ई. को तुर्की गणतंत्र की घोषणा हुई।"*
"1919 ई. के अखिल तुर्क काँग्रेस के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुस्तफा कमाल पाशा ने की। 1923 ई. में तुर्की एवं यूनान के बीच में लोजान की संधि हुई।
*23 अक्टूबर, 1923 ई. को तुर्की गणतंत्र की घोषणा हुई।*
20 अप्रैल, 1924 ई. को तुर्की में नये संविधान की घोषणा हुई। तुर्की के नये गणतंत्र का राष्ट्रपति मुस्तफा कमाल पाशा बने। मुस्तफा कमाल पाशा द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्य निम्न हैं :
1924 ई. में तुर्की को धर्मनिरपेक्ष राज्य की घोषणा।
कमाल पाशा ने तुर्की में 3 मार्च, 1924 ई. को खिलाफत को समाप्त कर दिया।
ग्रेगोरियन कैलेडर का प्रचलन (26 दिसम्बर, 1925 ई. से लागू)।"
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