ग्रेगोरियन केलेण्डर में सुधार कर वर्ष का प्रारम्भ वसन्त सम्पात दिवस ( वर्तमान केलेण्डर के अनुसार २१ मार्च) से करते हुए यदि --
१ - 21 मार्च को 01 मार्च कर दिया जाए। मधुमास 31 दिन
२ - 21अप्रेल को 01 अप्रेल कर दिया जाए। माधवमास 31 दिन
३ - 22 मई को 01 मई कर दिया जाए। शुक्रमास 31 दिन
४ - 22 जून को 01 जून कर दिया जाए। शचिमास 31 दिन
५ - 23 जुलाई को 01 जुलाई कर दिया जाए। नभसमास 31 दिन
६ - 23 अगस्त को 01 अगस्त कर दिया जाए। नभस्यमास 31 दिन
७ - 23 सितम्बर को 01 सितम्बर कर दिया जाए। ईषमास 31 दिन
८ - 23 अक्टूबर को 01 अक्टूबर कर दिया जाए। ऊर्ज 30 दिन
९ - 22 नवम्बर को 01 नवम्बर कर दिया जाए। सहसमास 30 दिन
१० - 22 दिसम्बर को 01 दिसम्बर कर दिया जाए। सहस्यमास 29 दिन
११ - 20 जनवरी को 01 जनवरी कर दिया जाए। तपसमास 30 दिन
१२ - 19 फरवरी को 01 फरवरी कर दिया जाए। तपस्यमास 30या 31 दिन
तो ग्रेगोरियन केलेण्डर, एस्ट्रोनॉमिकल केलेण्डर के समान हो जाएगा।
उचित तो यह होगा कि, जूलाई को क्विंटिलिस और अगस्त को सेक्स्टिलिस पूर्ववत रोमन केलेण्डर के समान संख्यात्मक नाम दे दिए जायें तो और भी व्यावहारिक हो जाएगा।
मासारम्भ १८ से २२ दिन पहले करने होंगे। तथा वर्ष आरम्भ ८० या ८१ दिन बाद में होगा।
लेकिन इससे ग्रेगोरियन केलेण्डर एस्ट्रोनॉमिकल केलेण्डर से पूर्णतः जुड़ जायेगा।
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