(१) शक वर्ष के स्थान पर कलियुग संवत या युगाब्ध लागु किया जाए।
(२) महिनों के नाम चैत्र वैशाख के स्थान पर निम्नानुसार १ मधु, २ माधव, ३ शुक्र, ४ शचि, ५ नभस, ६ नभस्य, ७ ईष, ८ ऊर्ज, ९ सहस, १० सहस्य, ११ तपस और १२ तपस्य किये जाएँ।
(३) मासारम्भ के दिनांक ग्रेगोरियन केलेण्डर / C.E. के दिनांक निम्नानुसार हो।
१- मधुमास 21 मार्च से प्रारम्भ होकर 31 दिन का मास रहेगा।
२- माधव मास 21 अप्रेल से प्रारम्भ होकर 31 दिन का मास रहेगा।
३-मिथुन / शुक्र/ 22 मई से प्रारम्भ होकर 31 दिन का मास रहेगा।
४- शचि मास 22 जून से प्रारम्भ होकर 31 दिन का मास रहेगा।
वर्षा ऋतु
५- नभस मास 23 जुलाई से प्रारम्भ होकर 31 दिन का मास रहेगा।
६ नभस्य मास 23 अगस्त से प्रारम्भ होकर 31 दिन का मास रहेगा।
७- ईष मास 23 सितम्बर से प्रारम्भ होकर 30 दिन का मास रहेगा।
८- उर्ज मास 23 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर 30 दिन का मास रहेगा।
९- सहस मास 22 नवम्बर से प्रारम्भ होकर 30 दिन का मास रहेगा।
१०- सहस्य मास 22 दिसम्बर प्रारम्भ होकर 29 दिन का मास रहेगा।
११- तपस मास 20 जनवरी से प्रारम्भ होकर 30 दिन का मास रहेगा।
१२- तपस्य मास 19 फरवरी से प्रारम्भ होकर सामान्य वर्ष में 30 दिन का रहेगा और प्रति चौथे वर्ष प्लूत वर्ष (लीप ईयर) में 31 दिन का रहेगा।
(४) इस प्रकार कलियुग संवत या युगाब्ध में उत्तरायण - दक्षिणायन, उत्तर तोयन - दक्षिण तोयन, और १ वसन्त ऋतु, २ ग्रीष्म ऋतु, ३ वर्षा ऋतु, ४ शरद ऋतु, ५ हेमन्त ऋतु और ६ शिशिर ऋतु का प्रत्यक्ष सम्बन्ध जुड़ जाएगा।
(५) क - उत्तर गोल, उत्तरायण/ उत्तर तोयन।
वसन्त ऋतु
१-मेष / मधु / 21 मार्च से / 31 दिन।
२-वृष / माधव/ 21 अप्रेल से / 31 दिन।
ग्रीष्म ऋतु।
३-मिथुन / शुक्र/ 22 मई से / 31 दिन।
उत्तर गोल, दक्षिणायन/दक्षिण तोयन।
४-कर्क / शचि/ 22 जून से / 31 दिन।
वर्षा ऋतु
५-सिंह / नभस / 23 जुलाई से / 31 दिन।
६ कन्या / नभस्य / 23 अगस्त / 31 दिन।
दक्षिण गोल, दक्षिणायन/दक्षिण तोयन
शरद ऋतु
७-तुला / ईष / 23 सितम्बर से / 30 दिन।
८-वृश्चिक / उर्ज / 23 अक्टूबर से / 30 दिन।
हेमन्त ऋतु
९-धनु / सहस / 22 नवम्बर से /30 दिन।
दक्षिण गोल, उत्तरायण/ उत्तर तोयन
१०-मकर / सहस्य / 22 दिसम्बर से/ 29 दिन।
शिशिर ऋतु
११-कुम्भ / तपस / 20 जनवरी से /30 दिन।
१२-मीन / तपस्य / 19 फरवरी से / 30 या 31 दिन।
(६) इससे प्राचीन भारतीय इतिहास समझने में आसानी होगी।
(७) भारतीय व्रत, पर्व, उत्सव और त्योहारों को इस केलेण्डर से जोड़ कर एकरूपता लानें में सहायता मिलेगी।
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