रविवार, 28 जुलाई 2024

नियम पालन क्यों आवश्यक है?

हमने यदि जैविक क्रियाएँ - 
श्वसन, ग्रहण, उत्सर्जन और निद्रा का त्याग नहीं किया और अपनायें गए नियम को छोड़ दिया, स्थगित कर दिया तो आज तक किया गया व्रत भङ्ग हो गया।
व्रत भङ्ग स्वयमेव प्रायश्चित से निवारण होने वाला दोष (पापकर्म) है।
अनियमित जीवनचर्या तो महापाप है ही।

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